अनोखी दोस्ती
न कोई साथ था, न कोई पास था,
बस यूही अकेले🚶चलते जा रही थी।
न किसी कि याद थी, ना🙅मंजिल कि खबर थी,
चलते-चलते🚶न जाने किस मोडपर आ गई थी।
एक दोस्त👭कि जरूरत थी,
क्यूंकि मैं उस अनाजन रास्तोसे डर🙍गई थी।
ठेहरने के बाद कुछ महसूस स हुआ,
लगा कोई है वहा अपना।
मैने चारो और देखा👁पर कोई नजरही नही आया।
अब तो डर चला गया था,
पता चला अपनासा😊कोई मौजूद था।
वह कोई और नही मेरे मन💚को भानेवाली,
एक सुंदर प्रकृती कि हरियाली🌴🌲थी।
रंगबेरंगी🌼फुल🌹🌷🌻 खिले थे,
उपर जगमागते हुए सितारे🌟🌠🌟थे।
चाँद🌙भी हसता हुआ नजर आ रहा था।
न जाने मेरे ही इंतजार🙇मे था।
देखतेही चाँद🌙बोला , "मैंने खुद को
रोका एक रात🌆के लिए।
इस दोस्ती के मुलकात😍के लिए।"
मैंने कहा चाँद से, "अब आई🙋
तुझसे ही तो मिलने,
तारोकी🌟महफिल संग तेरे
इस रोशनी को देखने।"
बाग-बगीचे की हरियाली🍀🌿🌱बोली,
"क्या तुम करोगी हम सबसे दोस्ती😇?"
"हा😀", बोलके मैं तो मन-हि-मन मुस्कुराई।
फिर खिलखीलते हुये फुल🌸🏵बोले,
"अब तुम नही हो अकेली😄।"
मैंने कहा, " हा दोस्ती करके
तुमसे बोहोत खुशी😂हुई।
मैंने कहा उन सबसे,
"हर मोडपर मुकाम नही होता,
इस दिल💗जैसे रिश्तो का
कोई नाम नही होता।
इस अंधेरी रोशनी मे ढुंढा
मैंने आप सभी को,
लेकिन आप जैसे दोस्त
🤗मिलना आसान नही होता। "
Nice 👌neha
ReplyDeleteVery nice ...u write so well.keep it up.
ReplyDeletegood one
ReplyDeletegood one
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteSuper Neha
ReplyDeleteThanks to all😊😊
ReplyDeleteSuperb👌👌👌👌
ReplyDeleteTy..😇
ReplyDeleteNice neha
ReplyDeleteWell tried 🙆
ReplyDeleteVery nice...work of word....keep going ...really friendship is the ship which sails in the water of trust and love...God bless u
ReplyDeleteTy😄😃
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